وَقَالَ مُوسَىٰ إِنِّي عُذْتُ بِرَبِّي وَرَبِّكُمْ مِنْ كُلِّ مُتَكَبِّرٍ لَا يُؤْمِنُ بِيَوْمِ الْحِسَابِ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
मूसा ने कहा, "मैंने हर अहंकारी के मुक़ाबले में, जो हिसाब के दिन पर ईमान नहीं रखता, अपने रब और तुम्हारे रब की शरण ले ली है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और मूसा ने कहा कि मैं तो हर मुताकब्बिर से जो हिसाब के दिन (क़यामत पर ईमान नहीं लाता) अपने और तुम्हारे परवरदिगार की पनाह ले चुका हूं
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