فَإِنْ يَصْبِرُوا فَالنَّارُ مَثْوًى لَهُمْ ۖ وَإِنْ يَسْتَعْتِبُوا فَمَا هُمْ مِنَ الْمُعْتَبِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अब यदि वे धैर्य दिखाएँ तब भी आग ही उनका ठिकाना है। और यदि वे किसी प्रकार (उसके) क्रोध को दूर करना चाहें, तब भी वे ऐसे नहीं कि वे राज़ी कर सकें
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
फिर अगर ये लोग सब्र भी करें तो भी इनका ठिकाना दोज़ख़ ही है और अगर तौबा करें तो भी इनकी तौबा क़ुबूल न की जाएगी
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