ذَٰلِكَ جَزَاءُ أَعْدَاءِ اللَّهِ النَّارُ ۖ لَهُمْ فِيهَا دَارُ الْخُلْدِ ۖ جَزَاءً بِمَا كَانُوا بِآيَاتِنَا يَجْحَدُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वह है अल्लाह के शत्रुओं का बदला - आग। उसी में उसका सदा का घर है, उसके बदले में जो वे हमारी आयतों का इनकार करते रहे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ख़ुदा के दुशमनों का बदला है कि वह जो हमरी आयतों से इन्कार करते थे उसकी सज़ा में उनके लिए उसमें हमेशा (रहने) का घर है,