بَشِيرًا وَنَذِيرًا فَأَعْرَضَ أَكْثَرُهُمْ فَهُمْ لَا يَسْمَعُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
शुभ सूचक एवं सचेतकर्त्ता किन्तु उनमें से अधिकतर कतरा गए तो वे सुनते ही नहीं
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ं(नेको कारों को) ख़़ुशख़बरी देने वाली और (बदकारों को) डराने वाली है इस पर भी उनमें से अक्सर ने मुँह फेर लिया और वह सुनते ही नहीं
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