كَمْ تَرَكُوا مِنْ جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वे छोड़ गये कितनॆ ही बाग़ और स्रोत
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
वह लोग (ख़ुदा जाने) कितने बाग़ और चश्में और खेतियाँ
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