وَنَعْمَةٍ كَانُوا فِيهَا فَاكِهِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और सुख सामग्री जिनमें वे मज़े कर रहे थे।
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
जिनमें वह ऐश और चैन किया करते थे छोड़ गये यूँ ही हुआ
Quran
44
:
27
हिन्दी
Read in Surah