وَإِذَا تُتْلَىٰ عَلَيْهِمْ آيَاتُنَا بَيِّنَاتٍ مَا كَانَ حُجَّتَهُمْ إِلَّا أَنْ قَالُوا ائْتُوا بِآبَائِنَا إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और जब उनके सामने हमारी स्पष्ट आयतें पढ़ी जाती है, तो उनकी हुज्जत इसके सिवा कुछ और नहीं होती कि वे कहते है, "यदि तुम सच्चे हो तो हमारे बाप-दादा को ले आओ।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और जब उनके सामने हमारी खुली खुली आयतें पढ़ी जाती हैं तो उनकी कट हुज्जती बस यही होती है कि वह कहते हैं कि अगर तुम सच्चे हो तो हमारे बाप दादाओं को (जिला कर) ले तो आओ
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