وَإِذْ صَرَفْنَا إِلَيْكَ نَفَرًا مِنَ الْجِنِّ يَسْتَمِعُونَ الْقُرْآنَ فَلَمَّا حَضَرُوهُ قَالُوا أَنْصِتُوا ۖ فَلَمَّا قُضِيَ وَلَّوْا إِلَىٰ قَوْمِهِمْ مُنْذِرِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और याद करो (ऐ नबी) जब हमने कुछ जिन्नों को तुम्हारी ओर फेर दिया जो क़ुरआन सुनने लगे थे, तो जब वे वहाँ पहुँचे तो कहने लगे, "चुप हो जाओ!" फिर जब वह (क़ुरआन का पाठ) पूरा हुआ तो वे अपनी क़ौम की ओर सावधान करनेवाले होकर लौटे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और जब हमने जिनों में से कई शख़्शों को तुम्हारी तरफ मुतावज्जे किया कि वह दिल लगाकर क़ुरान सुनें तो जब उनके पास हाज़िर हुए तो एक दुसरे से कहने लगे ख़ामोश बैठे (सुनते) रहो फिर जब (पढ़ना) तमाम हुआ तो अपनी क़ौम की तरफ़ वापस गए
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