وَإِذَا حُشِرَ النَّاسُ كَانُوا لَهُمْ أَعْدَاءً وَكَانُوا بِعِبَادَتِهِمْ كَافِرِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और जब लोग इकट्ठे किए जाएँगे तो वे उनके शत्रु होंगे औऱ उनकी बन्दगी का इनकार करेंगे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएगें तो वह (माबूद) उनके दुशमन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे