فَلَا تَهِنُوا وَتَدْعُوا إِلَى السَّلْمِ وَأَنْتُمُ الْأَعْلَوْنَ وَاللَّهُ مَعَكُمْ وَلَنْ يَتِرَكُمْ أَعْمَالَكُمْ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अतः ऐसा न हो कि तुम हिम्मत हार जाओ और सुलह का निमंत्रण देने लगो, जबकि तुम ही प्रभावी हो। अल्लाह तुम्हारे साथ है और वह तुम्हारे कर्मों (के फल) में तुम्हें कदापि हानि न पहुँचाएगा
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और (दुशमनों को)े सुलह की दावत न दो तुम ग़ालिब हो ही और ख़ुदा तो तुम्हारे साथ है और हरगिज़ तुम्हारे आमाल (के सवाब को कम न करेगा)