يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا اجْتَنِبُوا كَثِيرًا مِنَ الظَّنِّ إِنَّ بَعْضَ الظَّنِّ إِثْمٌ ۖ وَلَا تَجَسَّسُوا وَلَا يَغْتَبْ بَعْضُكُمْ بَعْضًا ۚ أَيُحِبُّ أَحَدُكُمْ أَنْ يَأْكُلَ لَحْمَ أَخِيهِ مَيْتًا فَكَرِهْتُمُوهُ ۚ وَاتَّقُوا اللَّهَ ۚ إِنَّ اللَّهَ تَوَّابٌ رَحِيمٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
ऐ ईमान लानेवालो! बहुत से गुमानों से बचो, क्योंकि कतिपय गुमान गुनाह होते है। और न टोह में पड़ो और न तुममें से कोई किसी की पीठ पीछे निन्दा करे - क्या तुममें से कोई इसको पसन्द करेगा कि वह मरे हुए भाई का मांस खाए? वह तो तुम्हें अप्रिय होगी ही। - और अल्लाह का डर रखो। निश्चय ही अल्लाह तौबा क़बूल करनेवाला, अत्यन्त दयावान है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ऐ ईमानदारों बहुत से गुमान (बद) से बचे रहो क्यों कि बाज़ बदगुमानी गुनाह हैं और आपस में एक दूसरे के हाल की टोह में न रहा करो और न तुममें से एक दूसरे की ग़ीबत करे क्या तुममें से कोई इस बात को पसन्द करेगा कि अपने मरे हुए भाई का गोश्त खाए तो तुम उससे (ज़रूर) नफरत करोगे और ख़ुदा से डरो, बेशक ख़ुदा बड़ा तौबा क़ुबूल करने वाला मेहरबान है