وَيَقُولُ الَّذِينَ آمَنُوا أَهَٰؤُلَاءِ الَّذِينَ أَقْسَمُوا بِاللَّهِ جَهْدَ أَيْمَانِهِمْ ۙ إِنَّهُمْ لَمَعَكُمْ ۚ حَبِطَتْ أَعْمَالُهُمْ فَأَصْبَحُوا خَاسِرِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उस समय ईमानवाले कहेंगे, "क्या ये वही लोग है जो अल्लाह की कड़ी-कड़ी क़समें खाकर विश्वास दिलाते थे कि हम तुम्हारे साथ है?" इनका किया-धरा सब अकारथ गया और ये घाटे में पड़कर रहे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और मोमिनीन (जब उन पर नेफ़ाक़ ज़ाहिर हो जाएगा तो) कहेंगे क्या ये वही लोग हैं जो सख्त से सख्त क़समें खाकर (हमसे) कहते थे कि हम ज़रूर तुम्हारे साथ हैं उनका सारा किया धरा अकारत हुआ और सख्त घाटे में आ गए