كَانُوا لَا يَتَنَاهَوْنَ عَنْ مُنْكَرٍ فَعَلُوهُ ۚ لَبِئْسَ مَا كَانُوا يَفْعَلُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
जो बुरा काम वे करते थे, उससे वे एक-दूसरे को रोकते न थे। निश्चय ही बहुत ही बुरा था, जो वे कर रहे थे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और किसी बुरे काम से जिसको उन लोगों ने किया बाज़ न आते थे (बल्कि उस पर बावजूद नसीहत अड़े रहते) जो काम ये लोग करते थे क्या ही बुरा था
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