فَإِنَّ لِلَّذِينَ ظَلَمُوا ذَنُوبًا مِثْلَ ذَنُوبِ أَصْحَابِهِمْ فَلَا يَسْتَعْجِلُونِ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अतः जिन लोगों ने ज़ुल्म किया है उनके लिए एक नियत पैमाना है; जैसा उनके साथियों का नियत पैमाना था। अतः वे मुझसे जल्दी न मचाएँ!
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो (इन) ज़ालिमों के वास्ते भी अज़ाब का कुछ हिस्सा है जिस तरह उनके साथियों के लिए हिस्सा था तो इनको हम से जल्दी न करनी चाहिए
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