مَا كَذَبَ الْفُؤَادُ مَا رَأَىٰ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
दिल ने कोई धोखा नहीं दिया, जो कुछ उसने देखा;
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो जो कुछ उन्होने देखा उनके दिल ने झूठ न जाना
: