مَا ضَلَّ صَاحِبُكُمْ وَمَا غَوَىٰ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
तुम्हारी साथी (मुहम्मह सल्ल॰) न गुमराह हुआ और न बहका;
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
कि तुम्हारे रफ़ीक़ (मोहम्मद) न गुमराह हुए और न बहके
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