تِلْكَ إِذًا قِسْمَةٌ ضِيزَىٰ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
तब तो यह बहुत बेढ़ंगा और अन्यायपूर्ण बँटवारा हुआ!
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ये तो बहुत बेइन्साफ़ी की तक़सीम है
Quran
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हिन्दी
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