أَلَّا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِزْرَ أُخْرَىٰ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
यह कि कोई बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ न उठाएगा;
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
जिन्होने (अपना हक़) (पूरा अदा) किया इन सहीफ़ों में ये है, कि कोई शख़्श दूसरे (के गुनाह) का बोझ नहीं उठाएगा
Quran
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हिन्दी
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