وَلَحْمِ طَيْرٍ مِمَّا يَشْتَهُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और पक्षी का मांस जो वे चाह;
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और जिस क़िस्म के परिन्दे का गोश्त उनका जी चाहे (सब मौजूद है)
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