لَا يَسْمَعُونَ فِيهَا لَغْوًا وَلَا تَأْثِيمًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उसमें वे न कोई व्यर्थ बात सुनेंगे और न गुनाह की बात;
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
वहाँ न तो बेहूदा बात सुनेंगे और न गुनाह की बात
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