فَكَانَتْ هَبَاءً مُنْبَثًّا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
कि वे बिखरे हुए धूल होकर रह जाएँगे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
फिर ज़र्रे बन कर उड़ने लगेंगे
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