وَقَالُوا مَا فِي بُطُونِ هَٰذِهِ الْأَنْعَامِ خَالِصَةٌ لِذُكُورِنَا وَمُحَرَّمٌ عَلَىٰ أَزْوَاجِنَا ۖ وَإِنْ يَكُنْ مَيْتَةً فَهُمْ فِيهِ شُرَكَاءُ ۚ سَيَجْزِيهِمْ وَصْفَهُمْ ۚ إِنَّهُ حَكِيمٌ عَلِيمٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और वे कहते है, "जो कुछ इन जानवरों के पेट में है वह बिल्कुल हमारे पुरुषों ही के लिए है और वह हमारी पत्नियों के लिए वर्जित है। परन्तु यदि वह मुर्दा हो, तो वे सब उसमें शरीक है।" शीघ्र ही वह उन्हें उनके ऐसा कहने का बदला देगा। निस्संदेह वह तत्वदर्शी, सर्वज्ञ है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और कुफ्फ़ार ये भी कहते हैं कि जो बच्चा (वक्त ़ज़बाह) उन जानवरों के पेट में है (जिन्हें हमने बुतों के नाम कर छोड़ा और ज़िन्दा पैदा होता तो) सिर्फ हमारे मर्दों के लिए हलाल है और हमारी औरतों पर हराम है और अगर वह मरा हुआ हो तो सब के सब उसमें शरीक हैं ख़ुदा अनक़रीब उनको बातें बनाने की सज़ा देगा बेशक वह हिकमत वाला बड़ा वाक़िफकार है
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