أُولَٰئِكَ الَّذِينَ آتَيْنَاهُمُ الْكِتَابَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ ۚ فَإِنْ يَكْفُرْ بِهَا هَٰؤُلَاءِ فَقَدْ وَكَّلْنَا بِهَا قَوْمًا لَيْسُوا بِهَا بِكَافِرِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वे ऐसे लोग है जिन्हें हमने किताब और निर्णय-शक्ति और पैग़म्बरी प्रदान की थी (उसी प्रकार हमने मुहम्मद को भी किताब, निर्णय-शक्ति और पैग़म्बरी दी है) । फिर यदि ये लोग इसे मारने से इनकार करें, तो अब हमने इसको ऐसे लोगों को सौंपा है जो इसका इनकार नहीं करते
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(पैग़म्बर) वह लोग थे जिनको हमने (आसमानी) किताब और हुकूमत और नुबूवत अता फरमाई पस अगर ये लोग उसे भी न माने तो (कुछ परवाह नहीं) हमने तो उस पर ऐसे लोगों को मुक़र्रर कर दिया हे जो (उनकी तरह) इन्कार करने वाले नहीं
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