يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا كُونُوا أَنْصَارَ اللَّهِ كَمَا قَالَ عِيسَى ابْنُ مَرْيَمَ لِلْحَوَارِيِّينَ مَنْ أَنْصَارِي إِلَى اللَّهِ ۖ قَالَ الْحَوَارِيُّونَ نَحْنُ أَنْصَارُ اللَّهِ ۖ فَآمَنَتْ طَائِفَةٌ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَكَفَرَتْ طَائِفَةٌ ۖ فَأَيَّدْنَا الَّذِينَ آمَنُوا عَلَىٰ عَدُوِّهِمْ فَأَصْبَحُوا ظَاهِرِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
ऐ ईमान लानेवालों! अल्लाह के सहायक बनो, जैसा कि मरयम के बेटे ईसा ने हवारियों (साथियों) से कहा था, "कौन है अल्लाह की ओर (बुलाने में) मेरे सहायक?" हवारियों ने कहा, "हम है अल्लाह के सहायक।" फिर इसराईल की संतान में से एक गिरोह ईमान ले आया और एक गिरोह न इनकार किया। अतः हमने उन लोगों को, जो ईमान लाए थे, उनके अपने शत्रुओं के मुकाबले में शक्ति प्रदान की, तो वे छाकर रहे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ऐ ईमानदारों ख़ुदा के मददगार बन जाओ जिस तरह मरियम के बेटे ईसा ने हवारियों से कहा था कि (भला) ख़ुदा की तरफ (बुलाने में) मेरे मददगार कौन लोग हैं तो हवारीन बोल उठे थे कि हम ख़ुदा के अनसार हैं तो बनी इसराईल में से एक गिरोह (उन पर) ईमान लाया और एक गिरोह काफिर रहा, तो जो लोग ईमान लाए हमने उनको उनके दुशमनों के मुक़ाबले में मदद दी तो आख़िर वही ग़ालिब रहे