فَاتَّقُوا اللَّهَ مَا اسْتَطَعْتُمْ وَاسْمَعُوا وَأَطِيعُوا وَأَنْفِقُوا خَيْرًا لِأَنْفُسِكُمْ ۗ وَمَنْ يُوقَ شُحَّ نَفْسِهِ فَأُولَٰئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अतः जहाँ तक तुम्हारे बस में हो अल्लाह का डर रखो और सुनो और आज्ञापालन करो और ख़र्च करो अपनी भलाई के लिए। और जो अपने मन के लोभ एवं कृपणता से सुरक्षित रहा तो ऐसे ही लोग सफल है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो जहाँ तक तुम से हो सके ख़ुदा से डरते रहो और (उसके एहकाम) सुनो और मानों और अपनी बेहतरी के वास्ते (उसकी राह में) ख़र्च करो और जो शख़्श अपने नफ्स की हिरस से बचा लिया गया तो ऐसे ही लोग मुरादें पाने वाले हैं
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