هَمَّازٍ مَشَّاءٍ بِنَمِيمٍ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
कचोके लगाता, चुग़लियाँ खाता फिरता हैं,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
जो आला दर्जे का चुग़लख़ोर माल का बहुत बख़ील
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