مَا أَنْتَ بِنِعْمَةِ رَبِّكَ بِمَجْنُونٍ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
तुम अपने रब की अनुकम्पा से कोई दीवाने नहीं हो
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
कि तुम अपने परवरदिगार के फ़ज़ल (व करम) से दीवाने नहीं हो
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