فَإِذَا نُفِخَ فِي الصُّورِ نَفْخَةٌ وَاحِدَةٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
तो याद रखो जब सूर (नरसिंघा) में एक फूँक मारी जाएगी,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
फिर जब सूर में एक (बार) फूँक मार दी जाएगी
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