قَالُوا يَا مُوسَىٰ إِمَّا أَنْ تُلْقِيَ وَإِمَّا أَنْ نَكُونَ نَحْنُ الْمُلْقِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उन्होंने कहा, "ऐ मूसा! या तुम डालो या फिर हम डालते हैं?"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और मुक़र्रर वक्त पर सब जमा हुए तो बोल उठे कि ऐ मूसा या तो तुम्हें (अपने मुन्तसिर (मंत्र)) या हम ही (अपने अपने मंत्र फेके)