وَإِنْ تَدْعُوهُمْ إِلَى الْهُدَىٰ لَا يَسْمَعُوا ۖ وَتَرَاهُمْ يَنْظُرُونَ إِلَيْكَ وَهُمْ لَا يُبْصِرُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और यदि तुम उन्हें सीधे मार्ग की ओर बुलाओ तो वे न सुनेंगे। वे तुम्हें ऐसे दीख पड़ते हैं जैसे वे तुम्हारी ओर ताक रहे हैं, हालाँकि वे कुछ भी नहीं देखते
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और अगर उन्हें हिदायत की तरफ बुलाएगा भी तो ये सुन ही नहीं सकते और तू तो समझता है कि वह तुझे (ऑखें खोले) देख रहे हैं हालॉकि वह देखते नहीं
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