وَقَاسَمَهُمَا إِنِّي لَكُمَا لَمِنَ النَّاصِحِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और उसने उन दोनों के आगे क़समें खाई कि "निश्चय ही मैं तुम दोनों का हितैषी हूँ।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और उन दोनों के सामने क़समें खायीं कि मैं यक़ीनन तुम्हारा ख़ैर ख्वाह हूँ
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