قَالَ الْمَلَأُ مِنْ قَوْمِهِ إِنَّا لَنَرَاكَ فِي ضَلَالٍ مُبِينٍ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उसकी क़ौम के सरदारों ने कहा, "हम तो तुम्हें खुली गुमराही में पड़ा देख रहे है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो उनकी क़ौम के चन्द सरदारों ने कहा हम तो यक़ीनन देखते हैं कि तुम खुल्लम खुल्ला गुमराही में (पड़े) हो
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