فَعَقَرُوا النَّاقَةَ وَعَتَوْا عَنْ أَمْرِ رَبِّهِمْ وَقَالُوا يَا صَالِحُ ائْتِنَا بِمَا تَعِدُنَا إِنْ كُنْتَ مِنَ الْمُرْسَلِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
फिर उन्होंने उस ऊँटनी की कूचें काट दीं और अपने रब के आदेश की अवहेलना की और बोले, "ऐ सालेह! हमें तू जिस चीज़ की धमकी देता है, उसे हमपर ले आ, यदि तू वास्तव में रसूलों में से है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ग़रज़ उन लोगों ने ऊँटनी के कूचें और पैर काट डाले और अपने परवरदिगार के हुक्म से सरताबी की और (बेबाकी से) कहने लगे अगर तुम सच्चे रसूल हो तो जिस (अज़ाब) से हम लोगों को डराते थे अब लाओ
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