وَأَمْطَرْنَا عَلَيْهِمْ مَطَرًا ۖ فَانْظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُجْرِمِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और हमने उनपर एक बरसात बरसाई, तो देखो अपराधियों का कैसा परिणाम हुआ
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और हमने उन लोगों पर (पत्थर का) मेह बरसाया-पस ज़रा ग़ौर तो करो कि गुनाहगारों का अन्जाम आखिर क्या हुआ
: