قُمِ اللَّيْلَ إِلَّا قَلِيلًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
रात को उठकर (नमाज़ में) खड़े रहा करो - सिवाय थोड़ा हिस्सा -
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
रात को (नमाज़ के वास्ते) खड़े रहो मगर (पूरी रात नहीं)
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