سَأُصْلِيهِ سَقَرَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
मैं शीघ्र ही उसे 'सक़र' (जहन्नम की आग) में झोंक दूँगा
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(ख़ुदा का नहीं) मैं उसे अनक़रीब जहन्नुम में झोंक दूँगा
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