كَلَّا وَالْقَمَرِ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
कुछ नहीं, साक्षी है चाँद
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
सुन रखो (हमें) चाँद की क़सम
Quran
74
:
32
हिन्दी
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