وَكُنَّا نَخُوضُ مَعَ الْخَائِضِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
"और व्यर्थ बात और कठ-हुज्जती में पड़े रहनेवालों के साथ हम भी उसी में लगे रहते थे।
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और अहले बातिल के साथ हम भी बड़े काम में घुस पड़ते थे
Quran
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हिन्दी
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