كَلَّا إِنَّهُ تَذْكِرَةٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
कुछ नहीं, वह तो एक अनुस्मति है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
हाँ हाँ बेशक ये (क़ुरान सरा सर) नसीहत है
Quran
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54
हिन्दी
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