إِلَىٰ رَبِّكَ يَوْمَئِذٍ الْمُسْتَقَرُّ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उस दिन तुम्हारे रब ही ओर जाकर ठहरना है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
उस रोज़ तुम्हारे परवरदिगार ही के पास ठिकाना है
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