فَإِذَا قَرَأْنَاهُ فَاتَّبِعْ قُرْآنَهُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अतः जब हम उसे पढ़े तो उसके पठन का अनुसरण कर,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो जब हम उसको (जिबरील की ज़बानी) पढ़ें तो तुम भी (पूरा) सुनने के बाद इसी तरह पढ़ा करो
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