وَيُطْعِمُونَ الطَّعَامَ عَلَىٰ حُبِّهِ مِسْكِينًا وَيَتِيمًا وَأَسِيرًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और वे मुहताज, अनाथ और क़ैदी को खाना उसकी चाहत रखते हुए खिलाते है,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और उसकी मोहब्बत में मोहताज और यतीम और असीर को खाना खिलाते हैं
: