هَٰذَا يَوْمُ لَا يَنْطِقُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
यह वह दिन है कि वे कुछ बोल नहीं रहे है,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ये वह दिन होगा कि लोग लब तक न हिला सकेंगे
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