قَالُوا تِلْكَ إِذًا كَرَّةٌ خَاسِرَةٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वे कहते है, "तब तो लौटना बड़े ही घाटे का होगा।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
कहते हैं कि ये लौटना तो बड़ा नुक़सान देह है
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