فَحَشَرَ فَنَادَىٰ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
फिर (लोगों को) एकत्र किया और पुकारकर कहा,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
फिर (लोगों को) जमा किया और बुलन्द आवाज़ से चिल्लाया
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