ذَٰلِكَ بِأَنَّ اللَّهَ لَمْ يَكُ مُغَيِّرًا نِعْمَةً أَنْعَمَهَا عَلَىٰ قَوْمٍ حَتَّىٰ يُغَيِّرُوا مَا بِأَنْفُسِهِمْ ۙ وَأَنَّ اللَّهَ سَمِيعٌ عَلِيمٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
यह इसलिए हुआ कि अल्लाह उस उदार अनुग्रह (नेमत) को, जो उसने किसी क़ौम पर किया हो, बदलनेवाला नहीं हैं, जब तक कि लोग उस चीज़ को न बदल डालें, जिसका सम्बन्ध स्वयं उनसे है। और यह कि अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ये सज़ा इस वजह से (दी गई) कि जब कोई नेअमत ख़ुदा किसी क़ौम को देता है तो जब तक कि वह लोग ख़ुद अपनी कलबी हालत (न) बदलें ख़ुदा भी उसे नहीं बदलेगा और ख़ुदा तो यक़ीनी (सब की सुनता) और सब कुछ जानता है