قُتِلَ الْإِنْسَانُ مَا أَكْفَرَهُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
विनष्ट हुआ मनुष्य! कैसा अकृतज्ञ है!
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
इन्सान हलाक हो जाए वह क्या कैसा नाशुक्रा है
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