وَاللَّيْلِ وَمَا وَسَقَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और रात की और उसके समेट लेने की,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और रात की और उन चीज़ों की जिन्हें ये ढाँक लेती है
Quran
84
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17
हिन्दी
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