فَذَكِّرْ إِنْ نَفَعَتِ الذِّكْرَىٰ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अतः नसीहत करो, यदि नसीहत लाभप्रद हो!
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो जहाँ तक समझाना मुफ़ीद हो समझते रहो
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