وُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ خَاشِعَةٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उस दिन कितने ही चेहरे गिरे हुए होंगे,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
उस दिन बहुत से चेहरे ज़लील रूसवा होंगे
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